Shayari for Dard | “हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि”
Woh Toh Apna Dard Ro-Ro Kar Sunate Rahe,
Humari Tanhayion Se Bhi Aankh Churate Rahe,
Humein Hi Mil Gaya Khitab-e-Bewafa Kyunki,
Ham Har Dard Muskura Kar Chhupate Rahe.


 
 

वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे,
हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि,
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।
وہ  تو اپنا درد  رو-رو  کر  سناتے    رہے
ہماری  تنھایئوں  سے  بھی  آنکھ  چراتے   رہے
ہمیں  ہی  مل  گیا  خطا -ا -بیوفا   کیوںک
ہم  ہر  درد  مسکرا کر چھپاتے رہے