Month: August 2017

Shayari for Farewell “इस सफर की शुरुआत हमने साथ की थी”


Shayari for Farewell “इस सफर की शुरुआत हमने साथ की थी”
Is safar ki shuruaat hamne saath ki thi,
Jaan se pyare yaaro ke saath kitni saari baat ki thi,
Zindagi ke un palo ko bhi hamne saath jiya tha,
Jin palo ne khushi aur gam dono se mulaqaat ki thi.
 
 
इस सफर की शुरुआत हमने साथ की थी,
जान से प्यारे यारो के साथ कितनी सारी बात की थी,
ज़िन्दगी के उन पालो को भी हमने साथ जिया था,
जिन पालो ने ख़ुशी और ग़म दोनों से मुलाकात की थी।
اس سفر کی شروات ہمنے سانتھ کی تھی
جان سے پیارے یارون کے سانتھ کتنی ساری بات کی تھی
زندگی کہ ان پلو کو بھی حمنے سانتھ چیا تھا
جن پلون نے خشی اور غم دونون مین ملاقات کی تھی۔

Shayari for Farewell “क्लास रूम मेंi मस्ती थी, हमारी भी कुछ हस्ती थी”


Shayari for Farewell “क्लास रूम मेंi मस्ती थी, हमारी भी कुछ हस्ती थी”
Class Room mei Masti thi, Hamari bhi kuch hasti thi,
Tuitions ka sahara tha, Dil ye Awara tha,
Kaha aa gaye is Degree ke Chakkar mei,
Woh 9th 10th ka time hi Pyara tha..

 
क्लास रूम मेंi मस्ती थी, हमारी भी कुछ हस्ती थी,
टुइशनस का सहारा था, दिल ये आवारा था,
कहा आ गए इस डिग्री के चक्कर में,
वह 9th 10th का टाइम ही प्यारा था।
کلاس روم مین مستی تھی
حماری بھی کچھ حستی تھی
ٹیوشنس کا سحارا تھا
دل ے اوارا تھا، کہان اگیا اس ڈگری کے چککر مین
وہ ناینتھ ٹینتھ کا ٹایم حی پیارا تھا۔

Shayari for Farewell “वो लम्हे जो मेरी ज़िन्दगी के अनमोल पल बन गए”


Shayari for Farewell “वो लम्हे जो मेरी ज़िन्दगी के अनमोल पल बन गए”
Wo lamhe jo meri zindagi ke anmol pal ban gaye,
Wo lamhe jo mere gujre huye kal ban gaye,
Kaash in lamho ko mai phir se ji pata,
Wo lamhe jo meri nam aankho ke jal ban gaye.
 
 
वो लम्हे जो मेरी ज़िन्दगी के अनमोल पल बन गए,
वो लम्हे जो मेरे गुजरे हुए कल बन गए,
काश इन लम्हो को में फिर से जी पता,
वो लम्हे जो मेरी नम आँखों के जाल बन गए।
وہ لمحے جو میری زندگی کے انمول پل بن گے
وہ لمحے مرے گزرے ہوے کل بن گیے
کاش ان لمحون کو مین پھر سے جی پاتا
وہ لمحے جو میری نم انکھون کے جال بن گیے۔

Shayari for Farewell “आँखों में सपने और दिल में अरमान लिए”


Shayari for Farewell “आँखों में सपने और दिल में अरमान लिए”
Aankho me sapne aur dil me armaan liye,
ek safar me chal pade bina kisi ka saath liye,
Raaste me kuch naye chehro se mulakaat ho gayi,
Phir to wo aise dost bane jaise ek rishta ho umar bhar ke liye.
 
 
आँखों में सपने और दिल में अरमान लिए,
एक सफर में चल पड़े बिना किसी का साथ लिए,
रास्ते में कुछ नए चेहरों से मुलाकात हो गयी,
फिर तो वो ऐसे दोस्त बने जैसे एक रिश्ता हो उम्र भर के लिए.
انکھون منی سپنے اور دل مین ارمان لیے
ایک سفر مین چل پڑے بنا کسی کا نام لیے
راستے مین کچھ نیے چھرون سے ملاقات حو گہی
فر تو وہ ایسے دوست بنے جیسے اک رشتا حو عمر بھر کے لیے۔

Shayari for Farewell “काश इस जाते हुए वक़्त को हम रोक सकते”


Shayari for Farewell “काश इस जाते हुए वक़्त को हम रोक सकते”
Kash is jaate hue waqt ko hum rok sakte,
apno ke saath guzra har lamha jod sakte,
na jaane kitni yaadein jo apno ne di humein,
kaash zindagi ko hum peeche mod sakte.
काश इस जाते हुए वक़्त को हम रोक सकते,
अपनों के साथ गुज़रा हर लम्हा जोड़ सकते,
न जाने कितनी यादें जो अपनों ने दी हमें ,
काश ज़िन्दगी को हम पीछे मोड़ सकते.
کاش اس جاتے حوے وقت کو ہم روک سکتے
اپنون کہ سانتھ گدرا حوا حر لمحا جوڑ سکتے
نہ جانے کتنی یادین جو اپنون نے دی ہمین
کاش زنوگی کو ہم پیچھے موڑ سکتے۔

Shayari for Eyes “तुम्हारी आँखों की क्या तारीफ़ करूं”


Shayari for Eyes “तुम्हारी आँखों की क्या तारीफ़ करूं”
Tumhari Aankhon Ki Kya Taarif Karon
Bas Inme Doob Jane Ki Khwahish Hai
Pehle Hi Teri Ada Ke Deewane Hain
Ab Kis Baat Ki Gunjaish Hai.
 
 
तुम्हारी आँखों की क्या तारीफ़ करूं,
बस इनमे डूब जाने की ख्वाहिश है,
पहले ही तेरी अदा के दीवाने हैं,
अब किस बात की गुंजाईश है।
تمہاری انکھون کی کیا تاریف کرون
بس ان مین ڈوب جانے کو جی چاحتا ہے
پہلے حی تیری ادا کے دیوانے ہین
اب کسبات کی گنجایش ہے۔

Shayari for Eyes “कभी वक़्त डूबा कभी हम दुबे”


Shayari for Eyes “कभी वक़्त डूबा कभी हम दुबे”
Kabhi Waqt Duba Kabhi Hum Dube,
Teri Akhon Ko Log Bhi To Jheel Kaha Karte The.
Bade Beabroo Bane Pyar Ki Khatir Hum,
Tere Kuche Main Bankar Hum Dhul Raha Karte The.
 

कभी वक़्त डूबा कभी हम दुबे,
तेरी आँखों को लोग भी तो झील कहा करते थे.
बड़े बेआबरू बने प्यार की खातिर हम,
तेरे कूचे मैं बनकर हम धूल रहा करते थे।
کبھی وقت ڈوبا کبھی ہم ڈوبے
تیری انکھون کو لوگ بھی جھیل کہا کرتے تھے
برھے بےابرو بنے پیار کی خھاتر ہم
تیرے کوچے مے بنکر ہم دھول رحا کرتے تھے

Shayari for Eyes “आपकी आँखें ऊँची हुई तो दुआ बन गई “


Shayari for Eyes “आपकी आँखें ऊँची हुई तो दुआ बन गई “
Aapki Aankhen unchi Hui To Dua Ban Gai,
Neechi Hui To Haya Ban Gai,
Jo Jhuk Kar Uthi To Khata Ban Gai,
Aur Uth Kar Jhuki To Ada Ban Gai..
 
 
आपकी आँखें ऊँची हुई तो दुआ बन गई,
नीची हुई तो हाय बन गई,
जो झुक कर उठी तो खता बन गई,
और उठ कर झुकी तो अदा बन गई।
اپ کی انکحعن اءنچی حوی تو حےا بن گی
نععچحی حوی تو حےا بن گین
جو جھک کر اٹھی تو ختا بن گین
اور اٹھ کر جھکی تو ادا بن گین۔

Shayari for Eyes “महेकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है”


Shayari for Eyes “महेकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है”
Mahekta Hua Jism Tera Gulab Jaisa Hai;
Neend Ke Safar Mein Tu Khwaab Jaisa Hai;
Do Ghoont Pee Lene De Aankhon Kee Mastiyan;
Nasha Teri Aankhon Ka Sharaab Jaisa Hai!
 
 
महेकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है,
नींद के सफर में तू ख्वाब जैसा है,
दो घूँट पी लेने दे आँखों की मस्तियाँ,
नशा तेरी आँखों का शराब जैसा है।
مہکتا ہوا جسم تیرا گلاب جیسا ہے,
نیند کے سفر مے تو خواب جیسا ہے,
دو گھونٹ پی لینے دے آنکھوں کی مستیاں,
نشہ تیری آنکھوں کا شراب جیسا ہ

Shayari for Eyes “तेरी निगाहों के यूं ही कायल थे हम”


Shayari for Eyes “तेरी निगाहों के यूं ही कायल थे हम”
Teri Nigahon Ke Yoon Hi Kaayal The Hum
Kya zaroorat Thi Aazmane Ki
Yoon Hi Behosh Pade Hai Teri Raaheon Main
Kya Jaroorat Thi Alag Se Muskurane Ki…
 
 
तेरी निगाहों के यूं ही कायल थे हम
क्या ज़रुरत थी आज़माने की
यूं ही बेहोश पड़े है तेरी राहों मैं
क्या जरूरत थी अलग से मुस्कुराने की…
تیری نگاہوں کے یوں ہی کایل تھے ہم
کیا ضرورت تھی آزمانے کی
یوں ہی بیہوش پڑے ہے تیری راہوں میں
کیا ضرورت تھی الگ سے مسکرانے کی