Zid Shayari “Tumhaari Zid Bemaani Hai Dil Ne Haar Kab Mani Hai,”
Kya ajeeb si zid hai..
hum dono ki..
teri tamanna mujhse judaa hone ki,
aur meri tamanna tere Liye tabah hone ki..
hum dono ki..
teri tamanna mujhse judaa hone ki,
aur meri tamanna tere Liye tabah hone ki..
क्या अजीब सी ज़िद है..
हम दोनों की,
तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की..
और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की..
हम दोनों की,
तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की..
और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की..
کیا عجیب سی زد ہے
ہم دونو کی
تیری تمنّا مجھسے جدا ہونے کی
اور میری تمنّا تیرے لئے تباہ ہونے کی
ہم دونو کی
تیری تمنّا مجھسے جدا ہونے کی
اور میری تمنّا تیرے لئے تباہ ہونے کی
Jis Mohabbat Mai Kisi ko Paane Ki Zid Ho......
Toh Voh Mohabbat Nhi...
Kyu Ki Mohabbat Dil Se Ki Jaati Hai...
Aur Zid Marzi Se.......
Toh Voh Mohabbat Nhi...
Kyu Ki Mohabbat Dil Se Ki Jaati Hai...
Aur Zid Marzi Se.......
जिस मोहब्बत मैं किसी को पाने की ज़िद हो......
तोह वोह मोहब्बत नहीं......
क्यों की मोहब्बत दिल से की जाती है......
और ज़िद मर्ज़ी से। .....
तोह वोह मोहब्बत नहीं......
क्यों की मोहब्बत दिल से की जाती है......
और ज़िद मर्ज़ी से। .....
جس موحبّت می کسی کو پانے کی زد ہو
ٹوہ وہ موحبّت نہی
کیکی موحبّت دل سے کی جاتی ہے
اور زد مرضی سے
ٹوہ وہ موحبّت نہی
کیکی موحبّت دل سے کی جاتی ہے
اور زد مرضی سے
Agar fitrat hamari sehne ki na
hoti toh himmat tumhari bhi
kuch kehne ki na hoti..!!
hoti toh himmat tumhari bhi
kuch kehne ki na hoti..!!
अगर फितरत हमारी सहने की ना
होती तोह हिम्मत तम्हारी भी
कुछ कहने की ना होती।
होती तोह हिम्मत तम्हारी भी
कुछ कहने की ना होती।
اگر فطرت ہماری سہنے کی نہ
ہوتی تو ہمّت تمہاری بھی
کچھ کہنے کی نہ ہوتی
ہوتی تو ہمّت تمہاری بھی
کچھ کہنے کی نہ ہوتی
Khatm Ho Bhi Toh kaise ,Yeh Manzilon Ki Aarzo,
Yeh Raaste Hai Ke Rukte Nhi ,Aur Hum Hai Ke Jhukte Nhi ......
Yeh Raaste Hai Ke Rukte Nhi ,Aur Hum Hai Ke Jhukte Nhi ......
ख़त्म हो भी तो कैसे, ये मंजिलो की आरजू,
ये रास्ते है के रुकते नहीं, और हम है के झुकते नही......!!!
ये रास्ते है के रुकते नहीं, और हम है के झुकते नही......!!!
ختم ہو بھی تو کیسے یہ منزلوں کی آرزو
یہ راستے ہے کی روکتے نہی اور ہم ہے کے جھکتے نہی
یہ راستے ہے کی روکتے نہی اور ہم ہے کے جھکتے نہی
Wo To Khushbu Hai Har Waqt Use Bikharana Hai.
Dil Ko Kyu Zid Hai Hai Ki Use Aagosh Me Bharana Hai..
Dil Ko Kyu Zid Hai Hai Ki Use Aagosh Me Bharana Hai..
वो तो ख़ुश्बू है हर इक वक्त उसे बिखरना है ,
दिल को क्यूँ ज़िद है कि उसे आग़ोश में भरना है |
दिल को क्यूँ ज़िद है कि उसे आग़ोश में भरना है |
وہ ٹوہ خوشبو ہے ہر وقت اسے بکھرنا ہے
دل کو کیو زد ہے کی اسے آگوش مے بھرنا ہے
دل کو کیو زد ہے کی اسے آگوش مے بھرنا ہے