Shayari for Politics “यहां तो सिर्फ गूंगे और बहरे लोग बसते हैं”
Aatmhataya Ki Chita Par Dekhkar Kisan Ko,
Neend Kaise aa Rahi Hai Desh Ke Pradhan Ko.
Neend Kaise aa Rahi Hai Desh Ke Pradhan Ko.
आत्महत्या की चिता पर देखकर किसान को,
नींद कैसे आ रही हैं देश के प्रधान को |
नींद कैसे आ रही हैं देश के प्रधान को |
اتمھٹیا کی چتا پر دیکھکر کسان کو
نیند کیسے آرہی ہے دیش کے پردھان کو
نیند کیسے آرہی ہے دیش کے پردھان کو
Ab Koi Aur Na Dhoka Dega,
Itni Umeed To Vapas Kar De
Hum Se Har Khuab Chenne Vale,
Hamari Neend toh Vaapas Kar De....
Itni Umeed To Vapas Kar De
Hum Se Har Khuab Chenne Vale,
Hamari Neend toh Vaapas Kar De....
अब कोई और न धोखा देगा,
इतनी उम्मीद तो वापस कर दे.
हम से हर ख़्वाब छीनने वाले,
हमारी नींद तो वापस कर दे..
इतनी उम्मीद तो वापस कर दे.
हम से हर ख़्वाब छीनने वाले,
हमारी नींद तो वापस कर दे..
اب کوئی اور نہ دھوکہ دیگا
اتنی امید تو واپس کردے
ہم سے حر خواب چننے والے
ہماری نیند ٹوہ واپس کر دے
اتنی امید تو واپس کردے
ہم سے حر خواب چننے والے
ہماری نیند ٹوہ واپس کر دے
Sarkar Ko Gareebo Ka Khyal Kab Aata Hai?
Chunav Nazdeek aa Jaye To Mudda Uchala Jata Hai .
Chunav Nazdeek aa Jaye To Mudda Uchala Jata Hai .
सरकार को गरीबों का ख्याल कब आता है?
चुनाव नजदीक आ जाए तो मुद्दा उछाला जाता है.
चुनाव नजदीक आ जाए तो मुद्दा उछाला जाता है.
سرکار کو گریبوں کا خیال کب آتا ہے
چناو نزدیک آ جائے تو مودّا اچھالا جاتا ہے
چناو نزدیک آ جائے تو مودّا اچھالا جاتا ہے
Na Masjid Ko Jante Hai,
Na Shivalo Ko Jante Hai,
Jo Bhuke Pait Hai,
Vo Sirf Nivalon Ko Jante Hai,
Na Shivalo Ko Jante Hai,
Jo Bhuke Pait Hai,
Vo Sirf Nivalon Ko Jante Hai,
न मस्जिद को जानते हैं,
न शिवालो को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं,
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
न शिवालो को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं,
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
نا مسجد کو جانتے ہے
نا شولو کو جانتے ہے
جو بھوکے پیٹ ہے
وہ صرف نوالوں کو جانتے ہے
نا شولو کو جانتے ہے
جو بھوکے پیٹ ہے
وہ صرف نوالوں کو جانتے ہے
Humne Duniya Mai Mohabbat ka Asar Zinda Kiya Hai,
Humne Nafrat ko Gale Mil-Mil ke Sharminda Kiya Hai.
Humne Nafrat ko Gale Mil-Mil ke Sharminda Kiya Hai.
हमने दुनिया में मुहब्बत का असर जिंदा किया हैं,
हमनें नफ़रत को गले मिल-मिल के शर्मिंदा किया हैं |
हमनें नफ़रत को गले मिल-मिल के शर्मिंदा किया हैं |
ہمنے دنیا می موحبّت کا اثر زندا کیا ہے
ہمنے نفرت کو گلے مل -مل کے شرمندا کیا ہے
ہمنے نفرت کو گلے مل -مل کے شرمندا کیا ہے